पल भर में ये क्या हो गया ,
जो था , अभी - अभी आँखों के सामने |
वो न जाने कहाँ और कैसे ,
हमेशा के लिए औझल हो गया |
पल भर में ये क्या हो गया ,
जो कल तक हँसता - हँसाता था सबको |
वो कईयों कों बेहतर जिंदगी देकर ,
हमेशा - हमेशा के लिए मौन हो गया |
वो कईयों कों बेहतर जिंदगी देकर ,
हमेशा - हमेशा के लिए मौन हो गया |
आज मैं हूँ घनघोर उदास ,
कोई , जो था मेरा बहूत ख़ास |
अब कभी नहीं आएगा मेरे पास ,
क्यूंकि छोड़ कर मुझे अकेला यहाँ
वो खुद भी बिखर गया बनकर
पृथ्वी, अग्नि, जल, वायु और आकाश |
COPYRIGHT दिलीप काला ' अजनबी ' - 2010
कोई , जो था मेरा बहूत ख़ास |
अब कभी नहीं आएगा मेरे पास ,
क्यूंकि छोड़ कर मुझे अकेला यहाँ
वो खुद भी बिखर गया बनकर
पृथ्वी, अग्नि, जल, वायु और आकाश |
COPYRIGHT दिलीप काला ' अजनबी ' - 2010